Chief Minister Farmer Welfare Scheme
Chief Minister Farmer Welfare Scheme

भोपाल। राज्य सरकार मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 80 लाख किसानों के खाते में 3 फरवरी को राशि भेजने जा रही है। गत दिनों सिंगरौली में आयोजित समारोह में रीवा संभाग के किसानों के खाते में 135 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम से भेज चुके हैं।

अब 3 फरवरी को विदिशा में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में रीवा संभाग के किसानों को छोड़कर बाकी प्रदेश के करीब 80 लाख किसानों के खाते में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राशि अंतरित करेंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा में होने वाले कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कहा कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशि डालने के साथ ही लाड़ली बहना योजना की जानकारी भी दी जाएगी।

यह कार्यक्रम प्रदेश में रीवा संभाग को छोड़ कर होगा। जिलों के कलेक्टर गांव-गांव में किसानों को एकत्रित करें। हर गांव में कार्यक्रम सुना जाए। विदिशा में हो रहे राज्य स्तरीय कार्यक्रम में यातायात व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए और कार्यक्रम व्यवस्थित हो। कार्यक्रम की बेहतर तैयारियां की जाएं। सभी जिलों के कलेक्टर बैठक में वर्चुअली शामिल हुए।

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रेलवे का जागरूकता अभियान

भोपाल। रेल पटरी पर मवेशियों के आने की घटनाओं को रोकने के लिए पूरे भोपाल मण्डल में व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत मण्डल के सभी आउट पोस्टों के प्रभारियों तथा रेल पथ निरीक्षकों के नेतृत्व में रेल पटरी के नजदीक के गाँव व बस्तियों में जगह-जगह शिविर लगाकर मवेशी मालिकों को समझाया जा रहा है कि वह अपने जानवरों को रेल पटरी पर जाने से रोकें।

इसी कड़ी में सोमवार को मंडल के गुना-महूगड़ा, दीवानगंज-भदभदाघाट, सुमेर-गुलाबगंज एवं गंजबासौदा-पबई के मध्य रेलवे लाइन के किनारे के गाँव में जगह-जगह पर रेलवे कर्मचारियों और सुरक्षा बल द्वारा शिविर लगाकर मवेशी मालिकों को समझाइश दी गई। ट्रेसपासिंग तथा रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखने की घटनाओं की रोकथाम एवं नागरिक जागरूकता अभियान के तहत वरिष्ठ रेल पथ निरीक्षक त्रिपुरारी कुमार मय स्टॉफ साथ में रानी कमलापति से सहायक उपनिरीक्षक रेल सुरक्षा बल बीएम तिवारी एवं स्टाफ द्वारा किसानों को एकत्र कर तथा मवेशी चराने वालों को एकत्र कर रेलवे ट्रैक के किनारे मवेशी नहीं चराने तथा मवेशियों को लेकर ट्रैक पार नहीं करने बाबत समझाइश दी गई।

मवेशी मलिकों को बताया गया कि पालतू जानवरों का रेलवे ट्रैक पर जाना ट्रेसपासिंग में आता है। जानवर को पटरी पर छोड़ देने तथा उसकी जान और रेल परिचालन को खतरा पैदा करने वालों के खिलाफ रेलवे प्रशासन रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत कार्यवाही करेगा, जिसमें 6 माह तक की जेल अथवा 500 रुपये से 1000 रुपये तक का जुमार्ना अथवा दोनों की सजा हो सकती है।