भोपाल। चुनावी साल में प्रदेश की सियासत उफान चढ़ने लगी है। जहां प्रदेश की बड़ी पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने अपने चुनावी तीर कमान में समेटना शुरू कर दिए हैं, वहीं छोटे दलों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की शुरुआत कर दी है। राजधानी भोपाल और प्रदेश में जारी सियासी कार्यक्रमों के बीच लगातार तीसरे दिन अब बसपा ने खम ठोक दिया है। इससे पहले सोमवार को कांग्रेस का बड़ा प्रदर्शन हो चुका है। जबकि मंगलवार को आम आदमी पार्टी एक बड़ी आमसभा के जरिए प्रदेश की सभी सीटों से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।
बहुजन समाजवादी पार्टी ने बुधवार को अपने नेता कांशीराम की जयंती के मौके पर प्रदेश भर में आयोजन किए। यह आयोजन बसपा एमपी के चारों जोन ग्वालियर, रीवा, उज्जैन और सीहोर में किए गए। बीएसपी के एक कार्यक्रम में शामिल होने आईं प्रदेश की सबसे चर्चित और बसपा विधायक रामबाई ने एलान किया है कि मध्यप्रदेश में अबकी बार बहुजन समाज पार्टी सभी विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी। इसको लेकर उन्होंने तैयारियां शुरू कर दी है।
नाराज नेताओं पर नजर
ग्वालियर में बीजेपी से निष्कासित नेता अवधेश प्रताप सिंह राठौर ने बीएसपी की सदस्यता ली। अवधेश राठौर बीजेपी में प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रहे हैं। निवाड़ी से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके अवधेश जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य रहे हैं। पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान उन्हें बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था। अवधेश राठौर कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे स्वर्गीय बृजेन्द्र सिंह राठौर के चचेरे भाई हैं। पृथ्वीपुर विधानसभा के उपचुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी नितेन्द्र सिंह राठौर के पक्ष में काम करने के आरोपों के चलते भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अवधेश पिछले दो चुनावों में निवाड़ी से बीजेपी के टिकट के मुख्य दावेदारों की दौड़ में थे।
ग्वालियर चंबल में ताकतवर
बहुजन समाजवादी पार्टी ग्वालियर चंबल में बड़ी पकड़ बनाने में कामयाब रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में इसने यहां 28.83 प्रतिशत तक वोट हासिल किए थे। जबकि बुंदेलखंड की मौजूदगी से भी बसपा ने 20 फीसदी से अधिक वोट अपने नाम किए थे।
आप भी दे रही चुनौती
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों से अपनी आमद दर्ज कराने वाली आम आदमी पार्टी प्रदेश के कई शहरों में अपना रसूख बनाने में कामयाब होती जा रही है। एक महापौर और दो दर्जन से ज्यादा पार्षदों से अपना खाता खोलने वाली आम आदमी पार्टी अब विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान कर चुकी है। मंगलवार को राजधानी भोपाल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कार्यकर्ताओं में उत्साह भी भरा है और बीजेपी कांग्रेस को आड़े हाथों लेकर प्रदेश की जनता को भी तीसरे विकल्प की मौजूदगी का अहसास भी करवा दिया है।
मजलिस भी है जोश में
बैरिस्टर असद उद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दी है। प्रदेश प्रभारियों की नियुक्तियों के साथ पार्टी ने प्रदेश में अपनी मजबूती की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। पिछले निकाय चुनाव में आधा दर्जन पार्षदों की आमद से जहां पार्टी का हौसला बढ़ा है, वहीं अब प्रदेश की मुस्लिम बहुल सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की उसकी हिम्मत भी पुख्ता हो चली है।
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कांग्रेस अपनी गति पर
कई खेमों में बंटी और बिखरेपन की वजह से लगातार नुकसान उठा रही कांग्रेस फिलहाल अपने पुराने ढर्रे पर ही कायम है। सोमवार को आयोजित राजभवन घेराव के बड़े आयोजन में भी इसके नेताओं की अलग अलग दिशाएं दिखाई दी। भाजपा और संघ द्वारा प्रायोजित तरीके से पेश किए जाने वाले प्रोपोगंडा सर्वे से खुद को मजबूत मानती आई कांग्रेस इस बार फिर खुद की जीत के लिए आशान्वित और बेफिक्र नजर आने लगी है। जबकि हालात इसके विपरीत हैं। कांग्रेस को अपने बिखारेपन, पिछली सरकार गंवाई, विपक्ष की खामोश भूमिका का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जनता के लिए कोई ठोस योजना न होना और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की योजनाओं में ही नीलामी जैसी रेट बढ़ाने की बोलियां लगाकर भी वह खुद की कोई प्लानिंग न होने का ऐलान करती नजर आ रही है।