भोपाल। मोबाइल और गेमिंग की लत, साइबर बुलिंग जैसी समस्याओं के बाद अब बच्चों पर इंटरनेट की आभासी दुनिया हावी हो रही है। हालात यह हैं कि कई बच्चे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स (जो अपने कार्यों या विचारों के द्वारा अपने सहयोगी, सोशल नेटवर्क या आम जनता को प्रभावित करता है) के प्रति आकर्षण के चलते इनसे मिलने की चाह में घर छोडऩे जैसे कदम भी उठा रहे हैं। जो इनके लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। नतीजन अभिभावक अब इस नई समस्या से जूझ रहे हैं और काउंसलर्स की भी मदद ले रहे हैं।
राजधानी में चाइल्ड लाइन सहित निजी काउंसलर्स के पास हर माह करीब दो से पांच मामले इस प्रकार के पहुंच रहे हैं। कुछ मामले ऐसे भी हैं जिनमें इन्फ्लुएंसर्स ने खुद अभिभावक या फिर चाइल्ड लाइन को इसकी जानकारी दी है। हालांकि चाइल्ड लाइन की मदद से इन बच्चों की काउंसलिंग के साथ ही इन्हे परिजन को सौंपा गया है।
इस प्रकार के मामले आ रहे सामने –
आठवीं का बच्चा परिजन को बिना बताए बिहार से भोपाल आ गया : बीते माह एक शिक्षक ने सिटी चाइल्ड लाइन को सूचना दी कि उनका एक विद्यार्थी उनसे मिलने की चाह में बिहार से भोपाल आ गया है। शिक्षक अपना यूट्यूब चैनल और ब्लॉग चलाते हैं, जिसके जरिए कक्षा आठवीं का विद्यार्थी उनकी ऑनलाइन कक्षा से जुड़ा था। मामले में जब बच्चे की काउंसलिंग की गई तो बच्चे ने बताया कि वह शिक्षक से प्रभावित था और उसने कई बार उनसे मिलने की बात कही थी। शिक्षक हमेशा कहते थे कि जब भी वह बिहार आएंगे तो मिलेंगे। बच्चे ने बताया कि शिक्षक से मिलने की चाह में उसने भोपाल की ट्रेन पकड़ी और यहां पहुंच गया। हालांकि जब शिक्षक का पता नहीं खोज पाया तो उन्हे कॉल कर पूरी जानकारी दी।
सोशल मीडिया मित्र से मिलने के लिए पंजाब से भोपाल पहुंचा किशोर –
बीते माह आरपीएफ द्वारा एक 16 वर्षीय किशोर को रेस्क्यू किया गया और उसे रेलवे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। जब चाइल्ड लाइन द्वारा किशोर की काउंसलिंग की गई तो काउंसलर्स भी चौंक गए। किशोर ने बताया कि वह अपनी एक सोशल मीडिया मित्र से मिलने के लिए पंजाब से भोपाल आ रहा था। किशोर की 24 वर्षीय मित्र सोशल मीडिया पर साइबर टिप्स संबंधी वीडियो बनाती है। किशोर उसकी के माध्यम से उससे जुड़ा और दोनो की ऑनलाइन चैट भी इसी संबंध में हुई थी। हालांकि युवती को किशोर के पंजाब से भोपाल पहुंचे की कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद किशोर के परिजन को सूचना दी गई और काउंसलिंग के बाद उनके सुपुर्द किया गया।
बच्ची यूपी से इंदौर जाने के लिए घर पर बिना बताए निकल आई –
बीते कुछ दिन पहले एक 12 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया गया था। बच्ची यूपी से इंदौर जाने के लिए घर पर बिना बताए निकल आई थी। जब किशोरी की काउंसलिंग की गई तो उसने बताया कि वह सोशल मीडिया पर इंदौर की एक इंफ्लूएंसर से काफी प्रभावित थी। यह युवती मॉडलिंग, स्टाइलिंग और मेकअप टिप्स देती है। बच्ची ने कहा कि वह मिलकर मॉडलिंग टिप्स लेना चाहती थी। इसलिए घर से बिना बताए, अपने साथ तीन हजार रुपए लेकर निकल आई। हालांकि बच्ची को काउंसलिंग के बाद परिजन के सौंपा गया।
15 वर्षीय किशोरी भोपाल रेलवे स्टेशन पर मिली –
हाल ही में एक 15 वर्षीय किशोरी भोपाल रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड लाइन को मिली थी। जब किशोरी से पूछताछ की गई तो वह सही जानकारी नहीं दे पाई। इसके बाद चाइल्ड लाइन द्वारा किशोरी की काउंसलिंग कराई गई और उसके परिजन को बुलाया गया। जिसके बाद मामले में सामने आया कि किशोरी पंजाब से भोपाल पहुंची थी। परिजन ने शंका जाहिर की थी कि वह अपने एक सोशल मीडिया मित्र से मिलने के लिए घर से बिना बताए निकल आई होगी। वहीं काउंसलिंग के दौरान किशोरी ने यह स्वीकार किया कि परिजन द्वारा मोबाइल ले लिया गया था, जिसके कारण वह सोशल मीडिया मित्र से बात नहीं कर पा रही था। ऐसे में वह उससे मिलने के लिए पंजाब से भोपाल पहुंच गई। हालांकि मामले में किशोरी को समझाइश के बाद परिजन को सौंपा गया।
इस प्रकार मामले जब सामने आते हैं तो हमारी पहली प्राथमिकता होती है कि बच्चा सुरक्षित स्थान पर पहुंचे। इसके बाद हम उसे काउंसलिंग और अन्य माध्यम से जागरूक करने का प्रयास करते हैं। वहीं वर्तमान समय में अभिभावकों के जागरूक और सतर्क होने की जरूरत है। वह घर में ऐसा माहौल रखें कि बच्चा हर बात शेयर कर सके और इस प्रकार के घातक कदम न उठाए। इस प्रकार के किसी भी मामले में बच्चे, अभिभावक या फिर अन्य व्यक्ति हमसे 1098 पर संपर्क कर सकते हैं, संजीव जोशी, समन्वयक रेलवे चाइल्ड लाइन, भोपाल।
CONCLUSION
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