मथुरा दर्शन के लिए जा रहे इंदौर के एक परिवार के साथ गुना में दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे में एक 13 वर्षीय बच्ची के साथ 3 लोग जिंदा जल गए। जबकि परिवार के ही 4 अन्य लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक इंदौर के 60 फीट रोड स्थित द्वारिकापुरी में रहने वाले शर्मा परिवार और उनके रिश्तेदारों सहित 28 लोग मथुरा दर्शन के लिए मिनी बस में जा रहे थे। शुक्रवार को सुबह 5 से 6 के बीच गुना में चाचौड़ा के बरखेड़ा के पास मिनी बस सड़क किनारे खड़े कंटेनर से भिड़ गई। बताया जा रहा है कि टक्कर के बाद बस में भीषण आग लग गई, जिसमें 3 लाेग जिंदा जल गए। मरने वालों में एक 13 साल की बच्ची भी है।

तीन लोगों की दर्दनाक मौत
घटना के तुरंत बाद मिनी बस से बड़ी बड़ी लपटें उठ रही थीं। इस दौरान सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन तीन लोगों को नहीं बचाया जा सका। मृतकों में इंदौर निवासी माधव शर्मा पुत्र जगदीश शर्मा (20), दुर्गा पुत्री जगदीश शर्मा (13) और खरगोन निवासी रोहित(19) रामकिशन शर्मा शामिल हैं। किसी तरह जब आग पर काबू पाया गया तो मृतकों के केवल कंकाल ही मिल सके।

घटना के बारे में जानकारी देते हुए एसडीओपी मुनीष राजोरिया ने बताया कि इंदौर निवासी शर्मा परिवार और उनके रिश्तेदार गोवर्धन पूजा करने मथुरा जा रहे थे। सभी लोग रात को इंदौर से निकले थे, लेकिन सुबह 5 से 6 बजे के बीच चाचौड़ा के बरखेड़ा के पास सड़क किनारे खड़े एक कंटेनर में ट्रैवलर बस पीछे से भिड़ गई। जिसके बाद यहां भीषण हादसा हो गया है। बताया जा रहा है कि इसी जगह बुधवार को एक कार के साथ हादसा हुआ था। इसमें भी एक आरक्षक सहित तीन लोगों की मौत हुई थी।

नशे में था बस ड्राइवर, इसी कारण हुआ हादसा
इंदौर निवासी विकास चौबे ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि रात करीब 12.30 बजे सब लोग इंदौर से चले थे। इस दौरान ड्राइवर के मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। इस बात को लेकर देवास के पास परिवार का ड्राइवर से झगड़ा भी हुआ था। ड्राइवर नशे में था। इसके बाद गुना में हादसा हो गया। हादसे में प्रवीण शर्मा के जीजा जगदीश के बेटे माधव और मामा जगदीश की बेटी दुर्गा और माधव के चाचा के बेटे रोहित की मौत हो गई।

एंबुलेंस तक का इंतजाम नहीं
हादसे के बाद घायलों को उनके परिवार के पास भेजने एम्बुलेंस तक का इंतजाम नहीं हो पाया। 3 घंटे जिला अस्पताल में इंतजार करने के बाद तहसीलदार स्वयं ही सभी घायलों को अपने साथ गाड़ी में ले गए। बताया जा रहा है कि अस्पताल पहुंचने से वापस जाने तक न तो सीएमएचओ जिला अस्पताल पहुंचे और न ही सिविल सर्जन वहां आए।