भोपाल। पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने कहा है कि आईपीएस अधिकारी कड़ी मेहनत के साथ निष्ठापूर्वक संतुलन बनाकर कार्य करें। अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हुए प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए कार्य करें। विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा और वंचितों को न्याय दिलाने में हमेशा अग्रसर रहें। प्रदेश में ऐसा वातावरण निर्मित करने का प्रयास करें कि पुलिस विभाग के प्रति नागरिकों का विश्वास और मजबूत हो। डीजीपी ने ये बातें प्रदेश में पदस्थ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 9 परिवीक्षाधीन अधिकारियों से कहीं।

शौर्य, पराक्रम और कौशल का सौ फीसदी दें

मुलकात के लिए पहुंचे इन अफसरों से डीजीपी सक्सेना ने कहा कि आमजन के लिए संवेदनशील रहें और अपराधियों के प्रति सख्त रवैया रखें। प्रदेश की आतंरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए अपना शौर्य, पराक्रम और कौशल का सौ फीसदी दें। पुलिस मुख्यालय में हुए इस भेंट कार्यक्रम के दौरान मुकेश जैन स्पेशल डीजी, अनुराधा शंकर एडीजी (ट्रेनिंग) और मलय जैन एआईजी पीटीएस भौंरी उपस्थित रहे। डीजीपी से भारतीय पुलिस सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारी अभिषेक रंजन, आदर्श कांत शुक्ला, आनंद कलादगी, अंकित सोनी, आयुष गुप्ता, कृष्ण लालचंदानी, मयूर खंडेलवाल, नरेन्द्र रावत तथा विदिता डागर ने मुलाकात की।

सीखने की रखें ललक

उन्होंने कहा कि जिलों में पदस्थापना के दौरान अपने वरिष्ठ अधिकारियों, सहयोगियों और कनिष्ठ अधिकारियों-कर्मचारियों से निरंतर सकारात्मक कार्यशैली अपनाएं। यही आपके कार्य को सशक्त बनाएगी। यह अनुभव आपकी कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएगा, जिससे नागरिकों को आप न्याय दिला पाएंगे। उन्होंने कहा कि लीडरशिप के लिए जरूरी है कि जो आपके संपर्क में आए, उसका सही मार्गदर्शन करें।

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इसके लिए आप सबको लॉ और प्रोसीजर की जानकारी होना आवश्यक है। डीजीपी ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए नक्सली उन्मूलन अभियान में पुलिस के जवानों ने अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है। पीएफआई के नेटवर्क को भी भेदने में भी मध्य प्रदेश पुलिस कामयाब रही है। मादक पदार्थों के कारोबार के साथ साइबर क्राइम पर प्रभावी कार्रवाई करने और डायल 100 जैसी सेवाओं को और सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान दें।