भोपाल। मांगों को लेकर प्रदेशभर के चिकित्सकों का आंदोलन बुधवार से शुरू हो गया है। आज पहले दिन बुधवार को नौ विभागों के करीब 15 हजार से अधिक चिकित्सक काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। पहला मौका होगा जब इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सक आंदोलन कर रहे हैं।
इसके बाद 16 फरवरी को संकेतिक तौर पर दो घंटे काम बंद रखेंगे। 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। आंदोलन में मुख्य रूप से चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गैस राहत, ईएसआई और गृह विभाग के साथ अन्य विभागों के अधीन कार्यरत चिकित्सक शामिल हैं। आंदोलन के लिए सभी चिकित्सकों ने महासंघ का गठन किया है।
विरोध में यह दल शामिल-
मेडिकल आफिसर्स एसोसिएशन, ईएसआई डाक्टर्स एसोसिएशन, एसोसिएशन आफ मेडिकल आफिसर ओर डाक्टर्स एसोसिएशन, प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन समेत अन्य शामिल है।
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कहां के कितने डॉक्टर शामिल-
चिकित्सा शिक्षा विभाग: 3100
स्वास्थ्य विभाग : 8500
मेडिकल आफिसर एमई : 170
गैस राहत : 150
ईएसआई एमओ : 300
ईएसआई : 175
गृह विभाग : 15
जूनियर डाक्टर : 1800
परीक्षा शुल्क जमा कर छात्र सीधे जमा कर सकेंगे आवेदन
भोपाल। परीक्षा आवेदन शुल्क और प्रक्रिया में निजी कॉलेजों की मनमानी के बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के कुलपति प्रो. एसके जैन ने इस व्यवस्था में बदलाव किए हैं। कुलपति जैन ने कॉलेजों को निर्देश दिए हैं कि वह अब परीक्षा आवेदन और दस्तावेजों की हार्ड कापी बीयू नहीं भेजेंंगे।
यह पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन ही होगी। इसके साथ ही विद्यार्थी खुद अथवा एमपी ऑनलाइन के माध्यम से सीधे निर्धारित शुल्क के साथ अपना परीक्षा आवेदन जमा कर सकें इस दिशा में बीयू प्रबंधन ने काम शुरू कर दिया है। प्रबंधन के अनुसार जल्द ही विद्यार्थियों के लिए यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे कुछ निजी कॉलेजों द्वारा परीक्षा आवेदन के लिए वसूले जा रहे मनमाने शुल्क पर विराम लगेगा।
यह है पूरा मामला-
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में कॉलेज के माध्यम से परीक्षा आवेदन करने और शुल्क जमा करने की व्यवस्था लागू हैं, लेकिन इसको लेकर कई निजी कॉलेज मनमानी कर रहे हैं। हालात यह हैं कि यह कॉलेज विश्वविद्यालय द्वारा तय शुल्क से ज्यादा वसूल रहे हैं।
कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जहां नियमित, स्वाध्यायी और पूरक विद्यार्थियों से सामान्य शुल्क से 500 से 800 रुपए ज्यादा वसूला जा रहा है। इसके लिए विद्यार्थियों को घंटों लाइन में लगकर पहले शुल्क जमा करनी पड़ रही है, वहीं उन्हे इसकी रसीद भी मुहैया नहीं कराई जा रही है।
जबकि बीयू द्वारा जारी आदेश में शुल्क को लेकर स्पष्ट जानकारी दी जाती है, लेकिन कुछ कॉलेज उससे अधिक फीस विद्यार्थियों से जमा कराते हैं। यह शुल्क पहले कॉलेज के खाते पहुंचता है और फिर इस शुल्क में से आदेश अनुसार शुल्क बीयू को भेजा जाता है। ऐसे में जो अतिरिक्त शुल्क विद्यार्थी से लिया गया है, वह उक्त कॉलेज के पास ही रहता है। हालांकि कुछ कॉलेज ऐसे भी हैं जहां बीयू द्वारा तय शुल्क और नियमो के अनुसार परीक्षा शुल्क ली जा रही है।