MP NEWS : मध्यप्रदेश में डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन बीते कुछ महीनों से करते आ रहे हैं। वे लगातार यह बात कह रहे हैं कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। इसे लेकर उन्होंने सरकार को भी चेताया है। अभी डॉक्टर्स ने सांकेतिक तौर पर हड़ताल की, काली पट्टी बांधकर अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन उन्होंने कड़े लहजे में यह चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

ये हैं मांगें

मध्यप्रदेश शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ की मांगों में डॉक्टरों को काम करने के लिए उचित वातावरण मिले और प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी रुके, उच्चतम पदों पर चिकित्सकीय संवर्ग के अधिकारियों की पदस्थापना हो, समस्त विभागों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोगेशन DACP के आदेश जारी हो, सभी चिकित्सकीय संवर्ग के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करें, डॉक्टरों की पदोन्नति प्रमुख रूप से शामिल है।

कल की थी सांकेतिक हड़ताल

इन्हीं मांगों को लेकर गुरूवार को प्रदेशभर के 49 जिला अस्पताल, 13 मेडिकल कॉलेज और भोपाल गैस राहत अस्पताल के डॉक्टरों ने सुबह 10 से 12 बजे तक दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की। इसके अलावा वो हाथ पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। हड़ताल के दौरा ओपीडी, इनडोर, वार्ड राउंड इत्यादि तथा इमरजेंसी सेवाएं बाधित रही। इतिहास में पहली बार मध्यप्रदेश के समस्त 10.000 शासकीय डॉक्टरों ने चिकित्सक महासंघ की एकता की शक्ति को आत्मसात करते हुए शासन के समक्ष काली पट्टी बांध कर शक्ति प्रदर्शन किया। प्रदेश के सभी जिलों के जिला अस्पताल सिविल अस्पताल और सीएचसी समेत सभी 13 मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने काला रिबन बांध कर (ओपीडी, ऑपरेशन और शैक्षणिक कार्य) शासन के समक्ष सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया।

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मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमटीए) मेडिकल कालेज से जुड़े डाक्टरों का संगठन डाक्टरों के समर्थन में उतर आया है। इधर शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ मप्र ने भी लोगों से अपील की है कि आंदोलन के दौरान प्रदेश की चिकित्सक सेवा बाधित हो सकती है और आम जन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। महासंघ ने आमजन से अपील की है कि वे आंदोलन को नैतिक समर्थन दें और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सहयोग करें।

निकाली थी संपर्क यात्रा

डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने की आशंका है। इससे पहले मध्य प्रदेश में शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर प्रदेशभर में ‘चिकित्सक संपर्क यात्रा’ निकाली गई थी। इस यात्रा की शुरूआत 27 जनवरी को ग्वालियर से हुई और गजराराजा मेडिकल कॉलेज से प्रारंभ होकर यात्रा मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए 7 फरवरी को भोपाल पहुंची थी। यात्रा प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी, पीएचसी,जिला अस्पतलों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरी और यहां इन्हे भारी समर्थन मिला। अब अपनी मांगों को लेकर 17 फरवरी से बेमियादी हड़ताल की चेतावनी दी है।