भोपाल। नगर निगम भोपाल द्वारा इन दिनों वसूली पर सारा फोकस है क्योंकि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का यह आखिरी माह है लिहाजा निगम द्वारा इस साल 500 करोड़ वसूलने के लिए करीब 123 करोड़ बकाया वसूलने पर जोर दिया जा रहा है। जिसे पूरा करने के लिए अब दो लाख डिफाल्डर निशाने पर है। आयुक्त केवीएस चौधरी ने सभी 21 जोन में बचे हुए दो लाख डिफाल्टर की संपत्ति कुर्क कर ई टेंडरिंग करने के निर्देश दिए है।
इससे पहले निगम ने इसकी शुरुआत पहले प्रत्येक वार्ड में 100 डिफाल्टर से शुरु की जिसे बाद में बढ़ाकर 300 कर दिया इस स्थिति में करीब 25 हजार बकायादारों की संपत्ति ई टेंडरिंग के लिए लगा दी है। हालांकि अभी तक इन संपत्तियों को खरीदनेवाले आगे नहीं आए है लेकिन निगम द्वारा ढोल बजाने से लेकर बकायादारों से कर वसूली के सारे जनत कर लिए गए है लेकिन जब राशि जमा नहीं हुई तो अब आयुक्त ने सभी 2 लाख डिफाल्टर की संपत्ति नीलाम करने के निर्देश दिए है। बता दें अभी तक किसी भी नगर निगम ने इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं है यह प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई होगी।
प्रत्येक वार्ड में औसतन 1500 डिफाल्टर-
जानकारी के मुताबिक प्रत्येक वार्ड मेंं औसतन 1500 डिफाल्टर है जिनसे निगम को चालू वित्तीय वर्ष के अलावा पूर्व के सालों का बकाया है जिसे वसूलने के लिए निगम प्रयासरत है। इसके बावजूद बकायादरों पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। इसको ध्यान में रखकर अब सभी की संपत्ति नीलामी करने का फैसला किया गया है।
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कर्मचारियों पर भी सख्ती की जा रही-
निगम आयुक्त ने बकायादारों से वसूली के लिए लक्ष्य दिया है उसमें कर्मचारियों को अपना शत प्रतिशत देना होगा इसके लिए आयुक्त ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि वे अपने-अपने वार्ड में डिफाल्टर से वसूली करे और जो नहीं करेगा उसके खिलाफ वे एक् शन लेंगे। बता दें इससे पहले भी आयुक्त ने वसूली को लेकर कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकने से लेकर अन्य कार्रवाई की है।
रोजाना नोटिस चस्पा कर सतत एप पर देना होगी हाजिरी-
नगर निगम आयुक्त ने नई व्यवस्था में सभी दो लाख बकायादारों के घर नोटिस तामिल करने के अलावा घर के बाहर नोटिस चस्पा करने को कहा है। इसका असर यह है कि कई कर्मचारी बहानेबाजी करते नजर आए। ऐसे में निगम आयुक्त ने नई व्यवस्था में सभी कर्मचारियों को बकायादारों के घर के बाहर नोटिस चस्पा कर फोटो खिंचने और इसे सतत एप पर लोड करने के निर्देश दिए है जिसके बाद नोटिस तामिल करने के मामले बढ़े है।