भोपाल के हमीदिया अस्पताल स्थित कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग वॉर्मर फटने से लगी थी। हादसे के बाद कारणों की जांच में जुटे पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स और पीआईयू के विंग अधिकारियों ने अपनी प्रारंभिक जांच के बाद सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि एसएनसीयू वार्ड के 10 वार्मर में से एक वार्मर के खराब हो जाने से यह आम लगी। वहीं अब तक की जांच के मुताबिक बच्चों की मौत संभवत: दम घुटने से हुई होगी।
दम घुटने से हुई बच्चों की मौत
इंजीनियर्स ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि बेड पर लगा वॉर्मर खराब हो गया था, जिसके कारण इससे धुंआ उठने लगा। लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने इस पर ध्यान नहीं दिया और कुछ ही मिनटों में वार्ड में आग लग गई। जिसके बाद पूरे वार्ड में धुंआ भर गया। प्रारंभिक रिपोर्ट इस बात की ओर भी इशारा कर रही है कि सभी बच्चों की मौत वार्ड में धुंआ भरने और दम घुटने से हुई है।
निमोनिया से बचाव के काम आती है वॉर्मर यूनिट
बच्चा वार्ड की विशेष नवजात शिशु इकाई (SNCU) में 10 बेड थे और इनमें से हर बेड पर वॉर्मर यूनिट लगी हुई थी। यह यूनिट विशेष तौर पर नवजात बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए हर बेड पर लगाई जाती है। वहीं अधिकारी आगे की जांच में इस बात पर भी फोकस कर रहे हैं कि क्या एसएनसीयू की किसी इलेक्ट्रिक वायरिंग में कोई फॉल्ट था? जानकारी में यह बात भी सामने आई है कि कमला नेहरू अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद पीडब्ल्यूडी और सीपीए के इंजीनियरों व अधिकारियों ने देर रात वार्ड का निरीक्षण किया था।
लापरवाही पर सीएम शिवराज सख्त
घटना के बाद हुई कैबिनेट बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह बहुत गंभीर घटना है। यह आपराधिक लापरवाही है। जांच के निर्देश दे दिए गए हैं, जो भी दोषी होगा। उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कैबिनेट की बैठक में यह भी कहा है कि प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा।