भोपाल। चुनावी साल शुरू होते ही प्रदेश में सियासी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। जहां राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का घमासान दिखाई और सुनाई देने लगा है, वहीं भाजपा कांग्रेस ने अपनी रणनीतियों पर जमीनी काम भी शुरू कर दिए हैं। प्रदेश कांग्रेसाध्यक्ष कमलनाथ प्रदेशभर में अलग-अलग मुददों पर चर्चाएं करते दिखने लगे हैं तो प्रदेश की सत्तारूढ पार्टी भाजपा ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाने विकास यात्रा को अपना हथियार बनाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद अपने कार्यकाल का बहीखाता लेकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। सरकार की कैबिनेट ने भी अलग-अलग विधानसभाओं में मोर्चा संभाल लिया है और आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जमीन मजबूत करने में जुटे दिखाई दे रहे हैं।
करोडों रुपए के विकास कार्यों की सौगात
5 फरवरी को संत रविदास जयंती पर प्रदेश सरकार ने विकास यात्रा की शुरूआत की है। यात्रा के लिए पहला पडाव संत रविदास की जन्मस्थली भिंड को चुना गया। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस यात्रा की शुरूआत करते हुए भिंड को नगर पालिका से नगर निगम बनानेऔर यहां मेडिकल कॉलेज खोले जाने के ऐलान कर दिए। यात्रा का अगला रुख सागर पहुंचा तो यहां आयोजन को विस्तार देने के लिए संत रविदास महाकुंभ का आयोजन किया गया।
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इस महाकुंभ में हुई घोषणाओं की गंगा में शहर को करोडों रुपए के विकास कार्यों की सौगात मिल गई। सागर से हुई इन घोषणाओं का असर हालांकि पूरे मप्र पर आने वाला है और इनमें से कई योजनाओं का फायदा पूरे प्रदेश को मिलने वाला है। विकास यात्रा का अगला पडाव 10 फरवरी को पन्ना में होने वाला है। उम्मीद की जा रही है कि इस कडी में पन्ना के हिस्से कई सौगातें आ सकती हैं।
25 फरवरी तक चलेगा सिलसिला
5 फरवरी से शुरू हुआ विकास यात्रा का सिलसिला 25 तारीख तक चलने वाला है। इस दौरान प्रदेश की सभी 230 विधानसभा तक यह यात्रा पहुंचेगी। जिलों के प्रभारी मंत्री इन यात्राओं की बागडोर संभाले हुए हैं। साथ ही कई शहरों तक खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचकर लोगों से रूबरू होंगे।
मकसद लोगों का फीडबैक लेने का
इतिहास में यह पहली सरकार है, जो अपने कार्यकाल का ब्यौरा लेकर आमजन के बीच पहुंच रही है। विकास यात्रा के नाम से जनता के बीच पहुंच रही सरकार का मकसद अपने कामों को गिनाने से ज्यादा लोगों से अपने कार्यकाल का आंकलन लेना और उनके मन को जानना है कि वे सरकार के कामों से कितना संतुष्ट, खुश और लाभांवित हैं। सरकार जनता से यह जानने के लिए उनके बीच पहुंच रही है कि लोगों की अपेक्षाओं पर अगर वे किसी तरह से खरे नहीं उतर पाए हैं तो उन बातों को सुनें, समझें और जानें ताकि अगली योजनाओं में जन अपेक्षाओं की इन बातों को शामिल किया जा सके।