भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के खुलने एवं बंद होने का समय परिवर्तित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश की जनजातियों के जीवन, देशज ज्ञान, कला परंपरा और सौन्दर्यबोध की विशिष्टता को स्थापित करने तथा उसकी बहुरंगी, बहुआयामी संस्कृति को बेहतर रूप से संयोजित करने का कार्य जनजातीय संग्रहालय में किया गया है। संग्रहालय प्रतिदिन (मंगलवार से रविवार) फरवरी से अक्टूबर तक दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक एवं नवंबर से जनवरी तक दोपहर 12 से रात्रि 7 बजे दर्शकों एवं पर्यटकों के लिये खोला जाता है।

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1 फरवरी से संग्रहालय का खुलने एवं बंद होने का का समय दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक होगा। संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं में मध्यप्रदेश के जनजातीय समुदायों के आवास की वास्तुगत, शिल्पगत और व्यवहारगत रूपों को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय में 6 अलग-अलग कलाओं शिल्प माध्यमों की दीर्घाएं हैं, जिनमें जनजातीय जीवन की झलक, उनके परिवेश, खेल, संस्कृति, देवलोक आदि देखने को मिलते हैं।

प्रत्येक दीर्घा में जिज्ञासुओं, शोधार्थियों के लिए कियोस्क स्थापित किए गए हैं जिससे उस दीर्घा विशेष के बारे में हिंदी अथवा अंग्रेजी में विस्तार से जाना-समझा जा सकता है।

कटंगी क्षेत्र में रेल संचालन : एमपी ट्राँसको ने ऊर्जीकृत किया रेलवे ट्रेक्शन फीडर

भोपाल : एमपी ट्राँसको (मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी) ने कटंगी क्षेत्र में विद्युत से रेल के सुगम संचालन के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के लिए एक रेलवे ट्रेक्शन फीडर तैयार किया है। गत दिवस लगभग 12 करोड़ की लागत से निर्मित इस फीडर और लाइन का निर्माण, निरीक्षण और परीक्षण कर इसे ऊर्जीकृत कर दिया गया।

मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता दीपक जोशी ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने बालाघाट-कटंगी रेलखंड पर रेल संचालन के लिए एक 132 के.व्ही. ट्रेक्शन फीडर की माँग की थी। रेलवे द्वारा सभी औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद एम.पी. ट्राँसको ने इस फीडर और लाइन का निर्माण कर इसे ऊर्जीकृत करने में सफलता प्राप्त की।