Mahatma Gandhi Death Anniversary
Mahatma Gandhi Death Anniversary

भोपाल। राष्ट्र आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर शहीद दिवस मना रहा है। आज ही के दिन बापू ने महाप्रयाण किया था। बापू की याद में भारत आज शहीद दिवस मनाता है। इसी के तहत आज सुबह ग्यारह बजे पूरे प्रदेश में दो मिनट का मौन रखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सामूहिक मौन-

सामूहिक मौन रखने के कारण जैसे ही सायरन बना, सभी वाहनों के पहिए थम गए, जो वाहन चौराहों पर सिग्नल के कारण रुके हुए थे, वे भी वहीं रुके रह गए। सभी लोगों ने बापू की याद में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें याद किया है। सरकार की ओर से सभी विभागों के प्रमुखों और कलेक्टर्स को आदेश भेजकर शहीद दिवस के आयोजन को गंभीरता के साथ मनाने के निर्देश दिए थे। आज प्रदेशभर के सभी स्कूल, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थाओं, सार्वजनिक उपक्रमों में शहीद दिवस मनाया जा रहा है।

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हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती हैं-

30 जनवरी साल 1948 देश के इतिहास में एक काले दिन के तौर पर दर्ज है। इसी दिन दिल्ली के बिड़ला हाउस परिसर में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी (उम्र 78 साल) की हत्या कर दी थी। भारत की आजादी में बापू के योगदान को कौन ही भुला सकता है। वह उस वक्त दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। इसी वजह से भारत में उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख (सेना, वायु सेना और नौसेना) दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। अहमदाबाद का साबरमती आश्रम छोड़ने के बाद महात्मा गांधी ने पुराने मध्यप्रदेश की राजधानी नागपुर के नजदीक वर्धा में अपना आश्रम बनाया था।

गांधी जी का यह नया ठिकाना स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए देश की अघोषित राजधानी बना था। देश का पहला झण्डा सत्याग्रह नागपुर में ही हुआ, जिसका नेतृत्व माखनलाल चतुर्वेदी ने किया था। वे झण्डा सत्याग्रहियों का नेतृत्व करते हुए जबलपुर से नागपुर आए थे।