भोपाल। इबादत, तिलावत और सखावत का महीना रमजान चंद कदम दूर है। इसकी शुरुआत 23 या 24 मार्च से चांद की तस्दीक के साथ होगी। इस माह में मस्जिदों में बढ़ने वाली नमाजियों की तादाद के लिहाज से जरूरी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। साफ, सफाई और पुताई आदि के साथ यहां पानी, बिजली, पंखे आदि से लेकर जा नमाज आदि के इंतजाम किए जा रहे हैं।
क़रीब 15 मस्जिद की साफ सफई की जा चुकी
माह ए रमजान के लिए मस्जिदों को चाक चौबंद करने में जुटी सामाजिक संस्था बीबीएम के शोएब हाशमी कहते हैं कि उनकी टीम पूरे शहर की मस्जिदों में सफाई, बिजली, पंखे आदि दुरुस्त करने से लेकर जा नमाज आदि को व्यवस्थित कर रही है। शोएब बताते हैं कि अभी तक क़रीब 15 मस्जिद की साफ सफई की जा चुकी है। पिछले 3 साल से टीम BBM मस्जिद की साफ सफई कर रही है। टीम के पस पूरा सामान मौजूद है। जनमाज़ साफ करने की मशीन भी मौजूद है। उन्होंने बताया कि काज़ी कैंप, जहांगीरबाद से हुई ये शुरुआत रमजान शुरू होने तक 20 से ज्यादा मस्जिदों की सफाई तक पहुंचने की योजना बनाई है।
ये भी जुटे अभियान में
सामाजिक कार्यकर्ता सैयद फैज अली ने पिछले महीने शहर के कब्रिस्तानों को व्यवस्थित करने के लिए मुहिम चलाई थी। इस दौरान शुरू किए गए एक तगाड़ी मिट्टी अभियान को शहर से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। फैज कहते हैं कि इस मुहिम को रमजान माह में हर मस्जिद से प्रचारित किया जाएगा। ताकि कब्रिस्तानों को व्यवस्थित किया जा सके।
बोहरा समाज के रमजान 22 से
दाऊदी बोहरा समाज अपने रमजान की शुरुआत 22 मार्च से करेगा। पूरे 30 रोजे रखने के लिहाज से इस समुदाय की चांद दिखने पर निर्भरता नहीं होती है। समाज के मुस्तफा हकीमी बताते हैं कि बोहरा समुदाय राजधानी में मौजूद अलीगंज, मालीपुरा, हाउसिंग बोर्ड, सैफिया रोड, कोहेफिजा में रमजान माह के दौरान 10 दिन तक कुरान सुनेंगे। इसकी शुरुआत 10 रोजे पूरे होने के बाद होगी। मुस्तफा बताते हैं कि रमजान के दौरान हर शाम इफ्तार से पहले तकरीर और बयान भी होंगे।
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कही 3 तो कहीं 10 दिन की तरावीह
राजधानी भोपाल में प्रचलित व्यवस्था के लिहाज से अलग अलग अवधि की तरावीह अदा की जाएगी। इस दौरान 3, 5, 10 और 14 दिन की तरावीह के दौरान मुकम्मल कुरान किया जाएगा। जबकि कुछ मस्जिदों में 27 दिन में ये प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी पिछले कई सालों से इसी बात की ताकीद करते हुए मुहिम चला रहे हैं कि शहर की सभी मस्जिदों में 27 दिन में ही कुरान मुकम्मल किया जाए। वे कहते हैं कि कारोबारी और सफर में रहने वाले लोगों के अलावा बाकी लोग 27 दिन की तरावीह ही अदा करें, ताकि इस महीने की खास रहमतें सबको मिल सकें।