भोपाल। प्रदेश में इस बार 25 मार्च से शुरू होने वाली कक्षा पांचवीं-आठवीं की मुख्य परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी। इन परीक्षाओं के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने परीक्षा केंद्रो की सूची के साथ ही प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए हैं। हालांकि परीक्षा केंद्र और प्रवेश पत्रों पर दिए गए रोल नंबरों को लेकर अभिभावकों-शिक्षकों की चिंता बढ़ गई है। भोपाल सहित कई जिलों में परीक्षा केंद्र 5 से 10 किमी की दूरी पर बनाए गए हैं। वहीं प्रवेश पत्रों पर समग्र आईडी क्रमांक को ही रोल नंबर बनाया गया है।
स्कूल संचालकों का कहना है कि परीक्षा केंद्रो की दूरी से बच्चों के साथ ही अभिभावक भी परेशान होंगे। समग्र आईडी क्रमांक को रोल नंबर बनाने से परीक्षा के दौरान समस्या होगी। वहीं अभिववाकों को कहना है कि प्रतिदिन बच्चों को परीक्षा केंद्र तक लाना-छोडऩा बहुत मुश्किल होगा। मामले में अब प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जल्द ही मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने की तैयारी कर रहा है।
प्रदेश में 12,214 और भोपाल जिले में 201 परीक्षा केंद्र –
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 5वीं 8वीं की परीक्षा के लिए प्रदेश में 12,214 और भोपाल जिले में 201 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। इस परीक्षा में प्रदेश के करीब 1.13 लाख स्कूलों के लगभग 29 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे। वहीं, राजधानी में इनकी संख्या 72 हजार है। इस परीक्षा में 60 अंक का प्रश्न पत्र होगा। इसमें 10 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न, 30 अंक के लघु उत्तरीय और 20 अंक के दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। साथ ही प्रोजेक्ट के आधार पर 40 अंक मिलेंगे। नकल प्रकरण बनने और पेपर निरस्त होने की स्थिति में छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने के लिए मूल्यांकन केंद्र नहीं भेजा जाएगा। इसके साथ ही परीक्षार्थी उन विषयों की परीक्षा दोबारा देंगे। इसके लिए विद्यार्थियों को 2 महीने का इंतजार करना होगा।
इनका कहना –
सोमवार को हमने सभी बीआरसी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी विषयों पर चर्चा और समाधान किया जाएगा। जो भी निर्णय होगा वह विद्यार्थियों के हित में होगा।
नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी, भोपाल
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यह तो जिद है –
छोटी कक्षाओं की मुख्य परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न नहीं, बल्कि बोर्ड परीक्षाएं ही हैं। राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इन परीक्षाओं को लेकर भ्रमित किय जा रहा है। यह परीक्षाएं बच्चों के लिए नहीं बल्कि राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों की जिद है। जिसके कारण शिक्षक, बच्चे, अभिभावक और स्कूल संचालक परेशान हो रहे हैं।
हालात यह हैं कि मनमाने तरीके से कराई जा रही इस परीक्षा की व्यवस्थाओं में भी मनमानी की जा रही है। कई परीक्षा केंद्रो को पांच किमी से लेकर 15 किमी दूरी तक बनाया गया है। इसके अलावा प्रवेश पत्र में रोल नंबर की जगह समग्र आईडी को ही रोलनंबर बना दिया गया है। जिससे छोटी कक्षा के बच्चे परेशान होंगे। हम जल्द ही इस मामले को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलेंगे।
अजीत सिंह, प्रदेश अध्यक्ष
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मप्र