भोपाल। राज्य शिक्षा केंद्र के विरोध में मध्यप्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कक्षा पांचवीं तथा आठवीं की बोर्ड परीक्षा का बहिष्कार करेगी। इस संबंध में राजधानी में सोमवार को एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के बहिष्कार का निर्णय लिया गया।
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि राज्य शिक्षा केंद्र ने पिछले वर्ष नवंबर यानी बीच सत्र में कोर्स रिव्यू कर दिया और सिर्फ तीन महीने बाद परीक्षाएं ली जा रही है ऐसे में बच्चे न तो ठीक से पढ़ सके हैं और न ही परीक्षा की तैयारी कर सके हैं। सिर्फ इतना ही नहीं प्रदेश भर में हजारों की समग्र आईडी नहीं बनी है ऐसे में यह बच्चे परीक्षा कैसे दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रो में पांच से आठ किमी दूर परीक्षा केंद्र बनाए जा रहे हैं, छोटे बच्चे घर से इतनी दूर कैसे परीक्षा देने जा सकेंगे यह समझ से परे है।
15 मार्च तक प्रवेश-पत्र बांटेंगे-
मप्र राज्य शिक्षा केंद्र कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर करवा रहा है। इसमें प्रदेशभर से 24 लाख 73 हजार 632 स्टूडेंट शामिल होंगे। आज से 15 मार्च तक प्रवेश-पत्र बांटेंगे और 25 मार्च से परीक्षाएं शुरू होंगी। विभाग की लापरवाही से 76 हजार 467 बच्चों की परीक्षा पर संकट मंडरा गया। इनमें ज्यादातर वे बच्चे हैं जो दूसरे राज्यों के रहने वाले हैं लेकिन मप्र के स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
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उनकी समग्र आईडी नहीं होने से पोर्टल पर प्रोफाइल अपडेट नहीं हो सकी। दूसरे वे स्टूडेंट हैं जिन्होंने स्कूल बदला लेकिन आईडी पुराने स्कूल में है, जहां से नए स्कूल में ट्रांसफर या अपडेट नहीं की गई। सिंह के मुताबिक प्राइवेट स्कूलों को परेशान करने में माध्यमिक शिक्षा मंडल भी पीछे नहीं है। मंडल ने अशासकीय एवं शासकीय विद्यालयों पर नया कर लगा दिया गया है साथ ही संस्थाओं पर दबाव बनाकर झूठा शपथ पत्र लिया जा रहा है।
माध्यमिक शिक्षा मंडल त्रुटि सुधार का पूरा शुल्क वसूल करता है इसके बाद भी त्रुटि सुधार नहीं हो पाती है मंडल द्वारा विद्यालयों से शपथ मांगा जा रहा है कि हमारे विद्यालय की समस्त त्रुटी सुधार ली गई है, जबकि कई ऐसी त्रुटियां हैं जैसे जन्म तिथि एवं पिता और माता का नाम का पहला अक्षर में सुधार नहीं हो रहा है इसके बाद भी शपथ पत्र के लिए बाध्य किया जा रहा है यह शपथ पत्र जमा करने के बाद 1025 शुल्क जमा करने के बाद ही ऑनलाइन रोल नंबर निकलेगा बहुत से ऐसे विद्यालय हैं जो डमी प्रवेश पत्र नहीं निकाल पाए हैं।