भोपाल। ग्वालियर में दो राजनैतिक दिग्गिजों की फिर मुलाकात हुई। इस मुलाकात में ज्योतिरादित्य सिंधिया तीसरी बार बजरंगी दादा जयभान सिंह पवैया के घर पहुंचे। वह लगभग आधा घंटा एक साथ रहे और उन्होंने कई मसलों पर गुफ्तगू भी की। इतना ही नहीं, दोनों ने बंद कमरे मेंं अलग से चर्चा भी की।
राजनैतिक सूत्रों का कहना है कि सिंधिया जब से भाजपा में आए हैं, उसके बाद से वह अपना एक दमदार साथी प्रदेश में देख रहे हैं। इसी कड़ी में वह बजरंगी दादा को अपने एक विश्वस्त साथी के रूप में मध्यप्रदेश में ले जाना चाहते हैं। सिंधिया का मानना है कि यदि वह ग्वालियर से चुनाव लड़े तो पवैया जैसे दिग्गज का साथ उन्हें जरूरी होगा। पवैया अपने धारदार भाषण और भीड़ मैनेजमेंट में ख्याति प्राप्त हैं।
सिंधिया और पवैया की मुलाकात से भाजपाई नेताओं के कान खड़े हुए
वहीं, मध्यप्रदेश में लगातार राजनैतिक समीकरण बन बिगड़ रहे हैं। ऐसे में सिंधिया यदि अपनी राजनीति में सफल रहते हैं तो वह पवैया को प्रमोट भी कर सकते हैं। ऐसे में वह अपने एक विश्वस्त मंत्री को गुना-शिवपुरी भेजकर पवैया को अपने मैनेजमेंट के तहत टिकट दिला सकते हैं।
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उधर, सिंधिया और पवैया की मुलाकात से प्रदेश के अन्य भाजपाई नेताओं के कान खड़े हो गए हैं। यदि सिंधिया और पवैया एक हो जाते हैं तो मप्र में एक नई राजनैतिक शक्ति का उदय हो जाएगा। गौरतलब है कि पवैया बजरंग दल के सुप्रीमो रहते हुए अपनी चिर परिचित शैली के साथ पूरे देश में प्रतिष्ठा पा चुके हैं। वह इन दिनों महाराष्ट्र के सह प्रभारी भी हैं। उनकी संघ सहित भाजपा आलाकमान में बेहतर पैठ है। इसके चलते वह सभी के चहेते भी हैं।