Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज विधानसभा (कैलाश) समिति कक्ष क्रमांक 1 में कैबिनेट की बैठक आयोजित हुई। मंत्रिपरिषद की बैठक प्रारंभ होने के पहले राष्ट्रगीत वंदे मातरम का सामूहिक गान हुआ। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कैबिनेट के साथियों के साथ 2 मिनट का मौन रखकर मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की दिवंगत माता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बैठक में मुख्यमंत्री चौहान को जल संसाधन विभाग द्वारा सिंचाई क्षेत्र में पाइप लाइन द्वारा सिंचाई कर सिंचित क्षेत्र के विस्तार के लिए किए गए बेहतरीन कार्य पर केंद्र सरकार द्वारा तीन मार्च को दिए गए पुरस्कार से अवगत करवाया गया। मुख्यमंत्री चौहान और मंत्रीगण ने इसके लिए जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को बधाई दी।

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मध्यप्रदेश को सिंचाई क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार

केन्द्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो ने प्रदेश को सिंचाई क्षेत्र में हुए कार्यों के लिए उत्कृष्ट राज्य चुना है। ब्यूरो “सीबीआईपी अवार्ड” के लिये मध्यप्रदेश की मोहनपुरा एवं कुण्डालिया परियोजना के सफल क्रियान्वयन के आधार पर नामांकन दाखिल किया गया था। मध्य प्रदेश ने जल संसाधन के दक्षतम उपयोग में प्रथम स्थान अर्जित किया है। मध्यप्रदेश को यह अवार्ड 3 मार्च को नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने प्रदान किया। इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने आज विधानसभा समिति कक्ष में मंत्रि-परिषद की बैठक शुरू होने के पहले जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और विभागीय अमले को बधाई दी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंचाई क्षेत्र के विस्तार के लिए निरंतर निर्णय लिए और प्रदेश की अनेक सिंचाई योजनाएँ मंजूर कर उन्हें क्रियान्वित भी किया। मुख्यमंत्री चौहान के विजन एवं विशेष प्रयासों से गत 15 वर्ष से राज्य के सिंचित क्षेत्र को 8 लाख हेक्टेयर से 45 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाया गया है। मुख्यमंत्री चौहान की दृढ़-इच्छा शक्ति से पिछले 3 साल में मध्यप्रदेश में नवीन तकनीक का प्रयोग कर प्रेशर पाईप प्रणाली से पानी खेतों तक पहुँचाया गया है। पाईप प्रणाली से सिंचाई कर नहर प्रणाली की तुलना में समान जल में दोगुने से भी अधिक क्षेत्र में सिंचाई करने वाले पहले राज्य के रूप में मध्यप्रदेश की पहचान बनी है।