भोपाल। कोलार थाना के दो पुलिस आरक्षकों व उनके दो अन्य साथियों द्वारा क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर सोना व मसाला कारोबारी को अगवा कर बंधक बनाकर एनकाउंटर करने का डर दिखाकर 5.50 लाख की एक्शटॉर्शन मनी वसूलने वाले आरक्षकों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। आरोपी आरक्षक घटना के बाद ही अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर हैं, जबकि उनके दोनों साथी कौन है। इस बात का भी खुलासा नहीं हो सका है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने दोनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
अब पुलिस की अलग-अलग टीमें आरोपी आरक्षकों व उनके साथियों की तलाश कर रही है। पुलिस इस मामले में घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज निकाल रही है। जिससे पूरी वारदात और उसमें शामिल आरोपी आरक्षकों के साथियों की पहचान हो सके।
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जानकारी के मुताबिक मां पार्वती नगर कोलार रोड निवासी गौरव जैन पुत्र नवीन कुमार(38) सोने के थोक व मसाला कोराबारी से एक करोड़ की मांग कर एनकाउंटर करने की धमकी देकर 5.50 लाख की वसूली करने वाले सस्पेंड आरक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव, आरक्षक रोहित शर्मा का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। आरोपियों आरक्षकों को आखरी बार 14 फरवरी को थाने पर देखा गया। इसके बाद से दोनों गायब हैं। पुलिस की अलग-अलग टीमें मामले की जांच कर आरोपी आरक्षकों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। वहीं उनके दोनों साथियों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस-
गत 14 फरवरी की दोपहर साढ़े तीन बजे से लेकर देर शाम तक कोलार रोड और बंजारी दशहरा मैदान समेत शहर के अलग-अलग रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जिससे इस बात का खुलासा हो सके कि आरोपी आरक्षक व उनके साथी फरियादी को लेकर कहां-कहां गए। साथ ही खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले पुलिस आरक्षकों के दोनों साथियों की पहचान हो सके। पुलिस कार नंबर का भी पता लगा रही है। जिससे कार मालिक तक पहुंचा जा सके। इस मामले में पुलिस की अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। इसके साथ ही पुलिस आरोपी आरक्षकों के मोबाइल की सीडीआर भी निकाल रही है। जिससे आरोपियों के साथियों के बारे में पता लगाया जा सकेगा।
इनका कहना है-
दोनों आरोपी आरक्षकों व उनके साथियों की पुलिस तलाश कर रही है। अभी यह कहना मुश्किल है कि आरोपी आरक्षकों के दो अन्य साथी इंदौर से आए पुलिसकर्मी थे या फिर भोपाल क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी। यह तो आरोपियों के पकड़े जाने के बाद ही पता चलेगा।
महावीर मुजाल्दे, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन-4 भोपाल
क्या है मामला-
गत 14 फरवरी की दोपहर गौरव जैन को कोलार थाना में पदस्थ आरक्षक देवेन्द्र श्रीवास्तव और आरक्षक रोहिता शर्मा ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले सादा कपड़े पहले अपने दो साथियों के साथ मिलकर आई-20 कार से अगवा कर बंधक बनाकर कलियासोत डेम के पास ले जाकर इंदौर से जारी एक गिरफ्तारी वारंट में उसकी गिरफ्तारी कर जेल भेजने का डर दिखाकर एक करोड़ रूपए की मांग की थी। इसके साथ ही विरोध करने पर पिस्टल अड़ाकर एनकाउंटर करने की धमकी दी थी।
आरोपियों ने 50 लाख, 10 लाख के बाद फरियादी को साढ़े पांच लाख रूपए लेकर छोड़ दिया। आरोपी आरक्षक देवेन्द्र व रोहित ने अपने साथियों के साथ मिलकर फरियादी को अपनी कार से करीब छह घंटे तक शहर में यहां-वहां घुमाया था। जब फरियादी ने गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और डीजीपी सुधीर सक्सेना से मामले की शिकयत की तो आरोपियों ने एक बिचोलिये के माध्यम से फरियादी को 3 लाख रूपए लौटा दिए थे।
इसके बाद भोपाल पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने दोनों पुलिस आरक्षकों को सस्पेंड कर दिया था। वहीं कोलार थाना में पुलिस आरक्षकों व उनके दो साथियों पर बंधक बनाने, एक्शटॉर्शन , मारपीट और जान से मारने की धमकी देने समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। आरोपी आरक्षक घटना के वाले दिन से ही ड्यूटी से गैरहाजिर हो गए थे।