आवासीय भू अधिकार योजना
आवासीय भू अधिकार योजना

भोपाल। मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना में मिले आवेदन पत्रों का निराकरण करने के लिए प्रमुख राजस्व आयुक्त ने सभी संभागायुक्त और कलेक्टरों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि कलेक्टर 10 मार्च तक योजना के आवेदन लेंगे। इसके बाद 20 मार्च तक पटवारी और ग्राम सचिव द्वारा सारा ऐप पर जांच दल की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।

27 मार्च तक तहसीलदार द्वारा जांच प्रतिवेदन का परीक्षण और आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी। 31 मार्च तक तहसीलदार द्वारा इश्तहार का प्रकाशन किया जाएगा। 10 अप्रैल तक प्रथम दावा आपत्ति के आधार पुनरीक्षण सूची जारी की जाएगी।

13 अप्रैल को ग्राम सभा में अनुमोदन के लिए सूची को भेजा जाएगा और 14 अप्रैल को ग्राम सभा में सूची का अनुमोदन कराया जाएगा। 20 अप्रैल तक ग्रामसभा के द्वारा अनुमोदित सूची को तहसीलदार द्वारा रीडर के माध्यम से आरसीएमएस पर अपलोड कराया जाएगा। 30 अप्रैल तक तहसीलदार द्वारा अंतिम आदेश जारी किया जाएगा।

विकास का बही-खाता लेकर मैदान में सरकार

जंगली जानवरों को बचाने बिजली की लाइन कवर करने की तैयारी

भोपाल। वन विभाग के संरक्षित क्षेत्रों से निकलने वाली बिजली लाइनों को अवर करने की तैयारी की जा रही है। जंगली जानवरों बाघ, तेंदुआ सहित अन्य जंगली जानवरों को करंट से बचाने के लिए वन विभाग ने योजना बनाई है। हालांकि बिजली के तारों को कवर करने का खर्च विभाग उठाएया या सरकार वहन करेगी, इसको लेकर अभी निर्णय नहीं हो सका है।

जानकारी के अनुसार वन संरक्षित क्षेत्रों (टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य) से गुजरने वाली बिजली लाइनों को कवर किया जाएगा। वन्यप्राणी मुख्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। कुछ स्थानों पर जहां संभव है, वहां तारों को हटाकर केबल डाली जाएगी। वहीं कुछ स्थानों पर खुले तारों को कवर करने का प्रस्ताव है। इस पर दो सौ से तीन सौ करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है। वन अधिकारियों का मानना है कि जंगल में खुले तार नहीं होंगे, तो करंट लगाकर वन्यप्राणियों को मारने की घटनाएं भी नहीं होंगी।

कान्हा टाइगर रिजर्व में हो चुका प्रयोग-

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कान्हा टाइगर रिजर्व में यह प्रयोग किया जा चुका है। वहां करीब आठ करोड़ में लाइनों को इन्सुलिन किया गया है। वर्ष 2022 में पांच बाघ, सात तेंदुआ और वर्ष 2023 में अब तक तीन बाघ एवं चार तेंदुओं का करंट लगाकर शिकार किया गया है। इस स्थिति ने सरकार को चिंता में डाल दिया है। अब वन विभाग संरक्षित क्षेत्रों से गुजरने वाली बिजली लाइनों को इन्सुलिन करने का प्रस्ताव सरकार को भेज रहा है।

ऊर्जा विभाग की मदद लेंगे वन अधिकारी-

करंट से वन्यप्राणियों की मौत के मामले में वन अधिकारी ऊर्जा विभाग की मदद लेंगे। वे ऐसा तंत्र बनाने का अनुरोध कर रहे हैं, जिससे वन्यप्राणी के करंट के संपर्क में आते ही लाइन ट्रिप हो जाए और उन्हें यह सूचना भी मिल जाए कि कहां घटना हुई है।