– भारत के लिए नौ टेस्ट मैच और 16 वनडे खेल चुके लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने बयां किया अपना दर्द

कानपुर। क्रिकेट में इस समय रंगभेद का मामला काफी चल रहा है। अभी हाल ही में यूएई और ओमान में संपन्न हुए टी-20 विश्वकप के दौरान रंगभेद को मिटाने के लिए खिलाड़ियों ने घुटने के बल बैठकर इसका विरोध किया था। वहीं दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर क्विंटन डिकॉक ने घुटने के बल बैठने से मना कर दिया था। बाद में उन्होंने इस पर माफी मांगी।
वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्मान माइकल वॉन भी रंगभेद के कारण बीबीसी के स्पेशल कमेंट्री पैनल से बाहर हो चुके हैं। इन्हीं सबके बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन ने खुलासा किया है कि वे जीवनभर अपने ही देश में रंगभेद का शिकार बने हैं। शिवरामकृष्णन भारत के लिए नौ टेस्ट और 16 वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट को सुर्खियों में लाने वाले नस्लवाद प्रकरण के संदर्भ में अपने अनुभव का खुलासा किया।
शिवरामकृष्णन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी रंग के कारण भेदभाव और आलोचना का सामना किया है। इसलिए यह मुझे अब परेशान नहीं करता। शिवरामकृष्णन ही एकमात्र भारतीय खिलाड़ी नहीं हैं, जिन्होंने भेदभाव किए जाने के बारे में बात की है। तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद ने भी 2017 में सोशल मीडिया पर यह मुद्दा उठाया था। मुकुंद भारत के लिए सात टेस्ट मैच खेल चुके हैं। उन्होंने ट्विटर पेज पर एक बयान पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि मैं 15 साल की उम्र से देश के अंदर और बाहर यात्रा करता रहा हूं। जब से मैं युवा था, तब से ही लोगों की मेरी त्वचा के रंग के प्रति सनक मेरे लिए हमेशा रहस्य बनी रही है। पिछले साल पूर्व भारतीय और कर्नाटक के तेज गेंदाबज डोडा गणेश ने भी नस्लीय भेदभाव के अनुभव के बारे में बताया था।