वानखेड़े में कप की जीत और धोनी के छक्के की याद दिलाएगा विक्ट्री मेमोरियल

Winning Six
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मुंबई । भारत के 2011 विश्व कप जीत के 12 साल पूरे हो गए हैं। टीम इंडिया दो अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में फाइनल जीती थी। उसने 28 साल बाद विश्व कप अपने नाम किया था। पिछली जीत 1983 में मिली थी। लंकाई टीम के खिलाफ तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने विजयी छक्का लगाया था। अब उनके इस सिक्स को खास सम्मान दिया जाएगा।

जहां गिरा था छक्का, वहां बनेगा विक्ट्री मेमोरियल

दरअसस, मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने यह फैसला किया है कि जिस जगह धोनी का छक्का गिरा था, उसी जगह एक विक्ट्री मेमोरियल बनाया जाएगा। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमोल काले ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘‘आज एमसीए एपेक्स काउंसिल ने 2011 विश्व कप की जीत के उपलक्ष्य में वानखेड़े स्टेडियम में एक छोटा विजय स्मारक (विक्ट्री मेमोरियल) बनाने का फैसला किया है। यह उस स्थान पर बनाया जाएगा जहां एमएस धोनी का ऐतिहासिक विजयी छक्का गिरा था।‘‘

आठ अप्रैल को हो सकता है उद्घाटन

एमसीए के अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘‘मंगलवार (चार अप्रैल) को हम इसे लेकर महेंद्र सिंह धोनी से संपर्क करेंगे। धोनी से विक्ट्री मेमोरियल के उद्घाटन के लिए समय मांगेगा। एमसीए को उम्मीद है कि इसका उद्घाटन धोनी द्वारा किया जाएगा, जब वह 8 अप्रैल को मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच के लिए मुंबई में होंगे।‘‘

धोनी को सम्मानित भी किया जाएगा

अमोल काल ने आगे कहा कि तारीख को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है क्योंकि यह पूरी तरह धोनी की सहमति और उपलब्धता पर निर्भर करेगा। जब धोनी वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप विक्ट्री मेमोरियल का उद्घाटन करेंगे तब एमसीए उन्हें सम्मानित भी करेगा।

विश्व कप फाइनल में क्या हुआ था?

श्रीलंका के खिलाफ फाइनल में टीम इंडिया ने गौतम गंभीर के 97 रन और महेंद्र सिंह धोनी के नाबाद 91 रन की बदौलत जीत हासिल की। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 274/6 का स्कोर खड़ा किया। महेला जयवर्धने (103 नाबाद) के नाबाद शतक, कप्तान कुमार संगकारा (48), नुवान कुलसेखरा (32) और थिसारा परेरा (22 नाबाद) की शानदार पारियों ने श्रीलंका को अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। युवराज सिंह और जहीर खान ने दो-दो और हरभजन सिंह ने एक विकेट लिया।

275 रनों का पीछा करते हुए भारत ने सहवाग (0) और तेंदुलकर (18) का विकेट जल्दी खो दिया था। इसके बाद गौतम गंभीर और विराट कोहली (35) के बीच 83 रनों की साझेदारी ने भारत की संभावनाओं को जीवित कर दिया था। गंभीर ने 122 गेंदों में 97 रन बनाए और कप्तान एमएस धोनी के साथ चौथे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी की। धोनी और युवराज (21 नाबाद) ने पांचवें विकेट के लिए नाबाद 54 रनों की साझेदारी की, जिसने टीम इंडिया को 28 वर्षों में अपना पहला विश्व कप खिताब दिलाया। धोनी 79 गेंदों में 91 रन बनाकर नाबाद रहे।