सना। यमन की राजधानी सना में गुरुवार को एक हजार जोड़ों ने सामूहिक निकाह किया। करीबन एक दशक से अधिक समय से गृहयुद्ध से जूझ रहे देश में यह कदम इसलिए उठाया गया, क्योंकि बिगड़ते आर्थिक हालातों के कारण युवाओं के लिए परिवार शुरू कर पाना मुश्किल हो गया था। लोगों की शादी की उम्र निकल रही थी और शादिया खर्चो के कारण हो नहीं पा रहीं थीं।

दुल्हन को मेहर के रूप में चुकाने होते 80 हजार
आमतौर पर शादियों में दावतनामें और अन्य रस्मअदायगी में बहुत खर्च होता है। यमन के रिवाज के हिसाब से खासतौर पर दूल्हे को शादी से पहले अपनी दुल्हन को मेहर के रूप में 80 हजार रुपए तक चुकाने होते थे, लेकिन यह शादियां पूरी तरह से मुफ्त हुईं। ऐसी ही शादियां देश में कोरोना से पहले भी कराई गई थीं।

दिव्यांगों को भी अपने घर बसाने का मिला मौका
सना में यह समारोह विश्व विकलांगता दिवस से एक दिन पहले आयोजित किया गया। इस कारण समारोह में भारी संख्या में दिव्यांग दूल्हे और दुल्हन भी शादी के लिए शामिल हुए। उन्होंने एक-दूजे का साथ निभाने का वादा भी किया।