जब दुनिया भर में अधिकतर तकनीकि कार्य कम्पयूटर नेटवर्किंग के जरिए हो रहे हों, ऐसे में साइबर हमले बड़ी समस्या के रूप में उभरे हैं। ईरान में पछले दिनों एक साइबर हमले ने वहां की व्यवस्था तहस-नहस कर दी थी। लेकिन इस साइबर हमले बाद ईरान में 80 प्रतिशत गैस स्टेशनों पर सेवाएं फिर से बहाल हो गईं। राष्ट्रीय ईरानी तेल उत्पाद वितरण कंपनी (एनआईओपीडीसी) के प्रवक्ता फतेमेह काही के हवाले से बताया गया कि साइबर हमले के बाद अब तक देश में 3,000 गैस स्टेशनों को ईरानी वितरण नेटवर्क से जोड़ा गया है और मानक मूल्य पर टैंक भरे जा रहे हैं।

काही ने कहा कि अलग-अलग स्मार्ट कार्ड के माध्यम से आधे मूल्य के राशन वाले गैसोलीन का वितरण धीमी गति से किया जा रहा है और वर्तमान में 220 स्टेशन पूरे ईरान में यह सेवा प्रदान कर रहे हैं। एनआईओपीडीसी के प्रवक्ता ने कहा कि देश भर में ईंधन स्टेशनों के फैलाव और समस्या को हल करने के लिए उनमें से प्रत्येक में एक तकनीशियन की उपस्थिति की आवश्यकता के कारण विशेष मूल्य वितरण का डिस्ट्रीब्यूशन समय लेने वाला होगा।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को एक बड़ा साइबर हमला हुआ था जिससे देश भर के गैस स्टेशनों पर लंबी कतारें लग गईं। साइबरस्पेस के सुप्रीम काउंसिल के सचिव अबोलहसन फिरोजाबादी ने कहा है कि हमला शायद एक विदेशी देश द्वारा ईरान की सार्वजनिक सेवाओं को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया था।  ईरानी समाचार नेटवर्क प्रेस टीवी के अनुसार, देश नवंबर 2019 से सब्सिडी वाले ईंधन को राशन देने के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग कर रहा है। जब सरकार ने गैसोलीन और डीजल के लिए कीमतों में बढ़ोतरी का आदेश दिया था। इस प्रणाली के तहत, मोटर चालक कम कीमत पर प्रति माह 60 लीटर गैसोलीन के हकदार हैं।